आज मै चुपचाप बैठी सोच रही थी
अपने ही भावो मे कितनी उलझ रही थी
कि जिन्दगी और मौत कितनी करीब है
एक संसार मे लाती है तो दुसरी ले जाती है
लेकिन शमशान घाट पर ही
जाकर वैराग्य क्यो जागते .है
और मृत्यु पर ही सारे सगे सम्बन्धी ,
बिलख बिलख कर रोते क्यो है
शायद यहाँ हम एक पूरी जिन्दगी
का अन्त पाते है.
मरने वाले तो मर जाते है
पर कुछ लोग उनकी मृत्यु मे
अपना सारा जीवन तलाशते है(मेरी माँ)
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1 टिप्पणी:
मरने वाले तो मर जाते है
पर कुछ लोग उनकी मृत्यु मे
अपना सारा जीवन तलाशते है
बहुत बढ़िया कविता लगी लिखते रहिये धन्यवाद
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