tag:blogger.com,1999:blog-5454544549183158526.post5050798408196994288..comments2023-02-23T06:31:22.753-08:00Comments on हलफ़नामा: दसबजिया फूलप्रभात रंजनhttp://www.blogger.com/profile/04691009431273824905noreply@blogger.comBlogger2125tag:blogger.com,1999:blog-5454544549183158526.post-532780588766981362008-04-14T01:51:00.000-07:002008-04-14T01:51:00.000-07:00आप के लेखन से यह साफ झलकता है कि अपने शहर से आप बह...आप के लेखन से यह साफ झलकता है कि अपने शहर से आप बहुत प्यार करते हैं..पर ये बात समझ में नहीं आती कि आप ये स्वीकार करते हैं कि आज आपके शहर का नाम एक बाहुबली के नाम से जाना जाता है....यह तो आप जैसे पढ़े-लिखे लोगो का दायित्व है कि आप कैसे देखते हैं सीवान को....अगर आप ही प्रचार करने लगेगे कि <BR/>आप शहर को लोग शहावुद्दीन के नाम से जानते हैं तो और लोगों को कहना ही क्या...वैसे आपने इस सच्चाई को स्वीकार किया है जो काबिलेतारिफ है...रही बात बाबू राजेन्द्र प्रसाद की तो वे तो देशरत्न हैं...सीबान ही क्या पूरे देश को फक्र है उन पर...Gopi Krishna Sahayhttps://www.blogger.com/profile/00264585011717832631noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5454544549183158526.post-68857443900639975492008-04-01T00:08:00.000-07:002008-04-01T00:08:00.000-07:00प्रभात जी...क्या खूब लिखा है..सीवान का मतलब शहावुद...प्रभात जी...क्या खूब लिखा है..सीवान का मतलब शहावुद्दीन हो गया है और सचमुच राजेंद्र बावू तो अब सिर्फ सामान्य ज्ञान कि किताबों में सिमट गये हैं...बहुत खूब आपसे और भी उम्मीदें हैं...sushant jhahttps://www.blogger.com/profile/10780857463309576614noreply@blogger.com